शनिवार, 24 दिसंबर 2016

भारत को कैसे जाने कितना जाने

भारत, जैसे ही नाम लेते है मन में कश्मीर से लेकर मुम्बई, कन्याकुमारी से होता हुआ मन असम और मेघालय का चक्कर मार कर उत्तराखण्ड के पास से होता हुआ फिर कश्मीर तक पहुच जाता है, पर कभी सोचा है  की क्या सच में भारत ऐसा ही है जैसा हम एक बन्द कमरे में बैठ कर सोचते है, कभी निकल कर देखा है बाहर की ये वास्तव में कैसा है, क्या यह सब तरफ शांति है या फिर हर जगह अशांति है, आखिर देश केसा है, कहा है हम और क्यों है हम।

सच तो ये है की पूरा देश बहुत बदल गया है, देश कैसे बदलता है, जब लोगो की सोच बदल जाती है, पहले लोग तरक्की करते थे पर जैसे ही उनको लगता था की उनकी तरक्की किसी के लिए परेशानी बन सकती है वैसे ही वो रुक जाते थे, पर आज नही रुकते, और सच तो ये है की हम खुद भी कहा रुकते है, हमारा भी एकमात्र लक्ष्य आगे बढ़ना ही तो है, चाहे कैसे भी बढे, कोई भी कीमत चुकानी पड़े, पर बढ़ना है।

आज भारत देश में जितने जिले है किसी समय में यहाँ इतने राज्य हुआ करते थे, जिसमे स्थानीय राजा या सरदार अपना साम्राज्य चलाते थे, और आजु बाजु बाले से लड़कर  शक्ति डबल थे या नष्ट कर लेते थे, कई सालो तक यही चलता रहा, सैनिक मरता रहा, जनता परेशान होती रही, फिर कुछ बदला या शायद सब कुछ बदल गया जब मुगल भारत में आये, वो कुछ ही थे, पर यहाँ की त्रस्त जनता उनको मशीहा मान बैठी क्योंकि उन्होंने स्थानीय राजाओ को उखाड़ दिया, पर वे मसीहा  या हमदर्द नही थे, वो भी लुटेरे ही थे, पर उन लुटेरो का तरीके कुछ अलग था, इसलिए ज्यादातर निम्न दर्जे की जनता उनके साथ हो गयी और जब वे मंदिर तोड़ते तो ये लोग बड़े खुश होते, जब किसी राजा को मारते ये लोग जश्न मनाते और धीरे धीरे उन्होंने पुरे राज्यो को नष्ट कर दिया।

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