मंगलवार, 23 अगस्त 2016

असहिष्णु भारत

पहले विश्व युद्ध में 85 लाख लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था ...
दुसरे विश्व युद्ध की शुरुवात 1939 में हुई ..इसमें मरने वालों की आधिकारिक संख्या 7 करोड़ से अधिक थी ...इन दोनों युद्धों में कुल 16 देशों ने भाग लिया ..इसमें से 15 इसाई देश थे और एक मुस्लिम देश तुर्की भी शामिल था ..दूसरा विश्व युद्ध 9 अगस्त 1945 के दिन यानी जापान पर एटम बम गिराने वाले दिन समाप्त हुआ ...अगर आप आकड़ों पर नज़र डालें तो एक अनुमान के मुताबिक इस्लाम ने अपने जन्म से लेकर अब तक अपने धर्म के प्रचार में दुनिया भर में 270 करोड़ लोगों की हत्या की ..ईसाईयों ने पुरे यूरोप और एशिया मिलाकर 110 करोड़ इंसानों की हत्या केवल कैथोलिक चर्च के कहने पर की ..जिसमे 90 लाख महिलायें थी ...दुनिया को सभ्यता का पाठ पढ़ाने वाले अमेरिका में दस करोड़ "मय सभ्यता" के लोगों की हत्या स्पेन के पादरियों के नेतृत्व में कर दी गयी। सोवियत संघ में स्टालिन ने 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतारा ..हिटलर ने 60 लाख यहूदियों को मारा ....आप ये सारी घटनाए गूगल पर सर्च कर सकते हैं ...अमेरिका ने 70 के दशक में लेबनान पर हमला किया ..अस्सी के दशक में अफगानिस्तान पर हमला किया ..नब्बे के दशक में सोमालिया पर हमला किया .....वहीँ ईराक ने नब्बे के दशक में ही कुवैत पर हमला किया ...21वी शताब्दी में अमेरिका ने फिर ईराक पर हमला किया ......यानी इसाई और मुस्लिम देशों ने दुसरे मुस्लिम और इसाई देशों पर अपने प्रभुत्व और व्यवसायिक हित के लिए हमले किये और करोड़ों लोगों का खून बहाया .....मुसलमानों ने तो भारत में 7वी शताब्दी से ही हिन्दुवों का खून बहाना शुरू कर दिया था .......80 के दशक से अकेले काश्मीर में ही 2 लाख से ज्यादा हिन्दुओ की हत्या हो चुकी है .... आज इस्लाम दुनिया में सबसे ज्यादा ज्यादा मारकाट करने वाला साम्प्रदाय बन चुका है .....टाइम्स ऑफ़ इंडिया के एक लेख के अनुसार 2012 में इंडोनेशिया के मुसलमानों ने वहां के ईसाईयों को इस्लाम कुबूल करने की धमकी दी ...और ना कबूल करने की दशा में गला काट देने को कहा गया ....इसके बाद हजारों की संख्या में ईसाईयों ने इस्लाम कूबुला .....उन्हें खतना करवाना पड़ा ....ताकि उनकी मुस्लिम के रूप में पहचान हो सके .....
अल्जीरिया सालों से इस्लामिक कट्टरपंथियों और वहां की सेना के संघर्ष में पिस रहा है ...नाईजेरिया में मुसलमानों का खुनी संघर्ष चरम पे है ....वहां ईसाईयों के चर्चो को जला दिया गया ...मिस यूनिवर्स के कार्यक्रम के दौरान this day नामक स्थानीय अखबार का दफ्तर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा जला दिया गया ...केन्या में वहां की लोकतान्त्रिक सरकार के विरुद्ध वहां के मुस्लिम संघठनो ने जेहाद का ऐलान किया ....सूडान में गृह युद्ध के दौरान मुसलमनो और ईसाईयों में भयंकर युद्ध हुवा ...19वी शताब्दी के मध्य में यानी 1860 में लेबनान में वहां के ईसाईयों की हत्या मुसलमानों ने की ....सत्तर के दशक में लेबनान में गृह युद्ध छिड़ गया जो नब्बे की दशक की सुरुवात में जाकर खत्म हुवा जिसमे 1 लाख से अधिक लेबनानी मारे गए ...हज़ारों औरतों का सड़कों पर बलात्कार किया गया .... पाकिस्तान 68 सालों में लाखों हिन्दू, ईसाई, बलूची, अहमदिया और शियाओं को पुलिस और सैनिकों से कटवा दिया... अब ध्यान दीजिये उपरोक्त सभी युद्धों और मार काट खून खराबे में मुस्लमान और इसाई देश शामिल थे .....लेकिन भारत जिसने मानव सभ्यता की शुरुवात से लेकर आज तक किसी भी देश पर हमला नहीं किया उसके सैनिक सालों से जेहादयों के पत्थर खा रहे किसी को उन्हे लगने वाले पत्थर तो नहीं दिखे पर पेलेट गन के छर्रे 57 मुस्लिम देश अपने पिछवाडे मे महसूस कर रहे भारत आज दुनिया का सबसे असहिष्णु देश बताया जा रहा है और हिन्दू को सबसे बड़ा अराजकवादी .........पोस्ट पढ़िए और थोडा विचार कीजिये कौन अराजक है इस्लाम, इसाई या सनातनी हिन्दू

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